शब्द का अर्थ
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					समद					 :
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					वि० [सं०] १. मद से मत्त। मतवाला। मस्त। २. प्रसन्न। पुं०=समुद्र।				 | 
			
			
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					समदन					 :
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					पुं० [सं०] युद्ध। लड़ाई। स्त्री० [सं० हिं० समदना] उपहार, भेंट।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					समदना					 :
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					अ० [सं० समद=प्रसन्न ] १. प्रेमपूर्वक मिलना। भेंटना। २. आनन्द या खुशी मनाना। स० १. उपहार या भेंट देना। २. किसी के साथ विवाह करना। ३. सपुर्द करना। सौंपना। ४. धरना। रखना। स० [संवाद] संवाद या समाचार देना।				 | 
			
			
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					समदर्शी (शिन्)					 :
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					वि० [सं०] [स्त्री० समदर्शिनी] जो सब मनुष्यों स्थानों पदार्थों आदि को समान दृष्टि से देखता हो। सब को एक सा देखने या समझनेवाला।				 | 
			
			
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					समदाना					 :
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					स० [हिं० समझना] १. विवाह के बाद बहू को विदा करना या कराना। २. ठीक या दुरुस्त करना। ३. समदना।				 | 
			
			
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					समदावन					 :
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					पुं० [हिं० समदना (विवाह करना)] एक प्रकार के गीत जो दुलहिन के विदायी के समय गाये जाते हैं। (मिथिला)				 | 
			
			
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					समद्वादशास्त्र					 :
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					पुं० [सं०] बारह बराबर भुजाओं वाला क्षेत्र।				 | 
			
			
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					समद्विभुज					 :
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					पुं० [सं०] ऐसा चतुर्भुज जिसकी प्रत्येक भुजा आमने सामने की भुजाएँ बराबर हों।				 | 
			
			
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