शब्द का अर्थ
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					समाव					 :
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					पुं०=समाई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					समावरण					 :
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					पुं० [सं०] [भू० कृ० समावृत्त] कोई छोटा लेख या सूचना जो किसी बड़े पत्र के साथ एक ही लिफाफे में रखकर कही भेजी जाय। (एन्क्लोजर)।				 | 
			
			
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					समावर्जन					 :
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					पुं० [सं० सम-आ√वृज् (मना करना)+ल्युट-अन] १. अपनी ओर झुकाना या मोड़ना। २. उपयोग के लिए अपने अधिकार में लाना या लेना। ३. वश में करना।				 | 
			
			
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					समावर्जित					 :
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					भू० कृ० [सं० सम-आ√वृत्त (रहना)+घञ्] १. वापस आना। लौटना। २. दे० ‘समावर्तन’।				 | 
			
			
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					समावर्तन					 :
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					पुं० [सं०] १. वापस आना। लौटना। २. प्राचीन भारत में, वह समारोह जिसमें गुरुकुल के स्नातकों को विद्याध्ययन कर लेने के उपरांत विदाई दी जाती थी। ३. आजकल विश्वविद्यालयों आदि में होनेवाला वह समारोह जिसमें उच्च परीक्षाओं में उतीर्ण होनेवाले परीक्षार्थियों को उपाधियाँ, पदक, प्रमाण-पत्र आदि दिये जाते हैं। (कान्वोकेशन)।				 | 
			
			
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					समावर्तनीय					 :
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					वि० [सं० सम-आ√वृत्त (रहना)+अनीयर] १. वापस होने के योग्य। लौटाने लायक। २. जो समावर्तन संस्कार के योग्य हो गया हो।				 | 
			
			
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					समावर्ती (र्तिन्)					 :
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					वि० [सं०] समावर्तन संस्कार के उपरान्त गुरुकुल से लौटानेवाला स्नातक।				 | 
			
			
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					समावास					 :
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					पुं० [सं० सम-आ√वस् (रहना)+घञ्] १. निवास स्थान। २. टिकने या ठहरने का स्थान ३. शिविर। पड़ाव।				 | 
			
			
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					समाविष्ट					 :
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					भू० कृ० [सं० सम-आ√विश् (प्रवेश करना)+क्त] १. जिसका समावेश हो चुका हो या कर दिया गया हो। २. जो छा, भर या व्याप्त हो चुका हो। ३. बैठा हुआ। आसीन। ४. एकांतचित्त।				 | 
			
			
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					समावृत्त					 :
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					वि० [सं० सम-आ√वृ (वरण करना)+क्त] [भाव० समावृत्ति] १. अच्छी तरह ढका, छाया या लपेटा हुआ। २. समावर्तन सस्कार के उपरान्त घर लौटा हुआ। ३. सूचनात्मक टिप्पणी या लेख जो किसी पत्र के साथ एक ही लिफाफे में बन्द करके कहीं भेजा गया हो। (इन्क्लोज्ड) जैसा—इस पत्र के साथ सभा का कार्यविवरण समावृत्त है।				 | 
			
			
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					समावृत्ति					 :
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					स्त्री० [सं०] १. समावृत्त होने की अवस्था या भाव। २. समावर्तन।				 | 
			
			
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					समावेश					 :
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					पुं० [सं० सम-आ√विश् (प्रवेश करना)+घञ्] १. एक या एक जगह जाना, पहुँचना साथ रहना या होना। २. किसी चीज या बात का दूसरी चीज में होना। ३.चित्त या मन किसी ओर लगाना। मनोनिवेश।				 | 
			
			
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					समावेशक					 :
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					वि० [समावेश+कन्] समावेश करनेवाला।				 | 
			
			
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					समावेशन					 :
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					पुं० [सं० सम-आ√विश् (प्रवेश करना)+ल्युट-अन] १. किसी के अन्दर पैठना। प्रवेश। २. अधिकार या वश में करना। ३. विवाह संस्कार।				 | 
			
			
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					समावेशित					 :
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					भू० कृ० सं० [सं० सम-आ√विश् (प्रवेश करना)+णिच्+क्त, समावेश,+एतच्, वा]= समाविष्ट।				 | 
			
			
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