शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सियाह					 :
				 | 
				
					वि० [फा० स्याह] कृष्ण वर्ण का काला। २. दूषित। बुरा। जैसा—सियाह-बख्त=अभागा। ३. ले० ‘स्याह’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाह कलम					 :
				 | 
				
					स्त्री० दे० स्याहकलम। (चित्र-कला)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाह-नवीस					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] वह कर्मचारी जो सियाहा लिखता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाहगोश					 :
				 | 
				
					वि० पुं०=स्याह-गोश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाहत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] १. सैर करने की क्रिया या भाव। सैर। २. देश-देशांतरों का पर्यटन या भ्रमण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाहपोश					 :
				 | 
				
					पुं०=स्याहपोश।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाहा					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० स्याहः] १. वह पंजी या बही जिसमें नित्य के आय लिखा जाता है। २. मुगल-शासन में वह पंजी जिसमें सैनिकों की उपस्थित लिखी जाती थी। ३. आज-कल वह पंजी या रजिस्टर जिसमें सरकार को प्राप्त होने वाली मालगुजारी या लगान का हिसाब लिखा जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सियाही					 :
				 | 
				
					स्त्री०=स्याही।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |