शब्द का अर्थ
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					सुनंद					 :
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					पुं० [सं०] १. एक देव-पुत्र। २. बलराम का मूसल। ३. कुजृंभ नामक दैत्य का मूसल जो विश्वकर्मा का बनाया हुआ माना जाता है। ४. वास्तुशास्त्र में बारह प्रकार के राजभवनों में से एक। वि० आनंददायक।				 | 
			
			
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					सुनंदन					 :
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					पुं० [सं०] कृष्ण के एक पुत्र का नाम (पुराण०)।				 | 
			
			
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					सुनंदा					 :
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					स्त्री० [सं०] १. उमा। गौरी। २. श्रीकृष्ण की एक पत्नी। ३. सार्वभौम दिग्ज की हथिनी। ४. भरत की पत्नी। ५. एक प्राचीन नदी। ६. सफेद गौ। ७. गोरोचन। ८. अर्कपत्री। इसरौल। ९. औरत। स्त्री।				 | 
			
			
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					सुनंदिनी					 :
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					स्त्री० [सं०] १. आराम शीलता नामक पत्रशाक। २. एक प्रकार का छन्द या वृत्त।				 | 
			
			
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