शब्द का अर्थ
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					स्यंदन					 :
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					पुं० [सं०] १. तरल पदार्थ का चूना,टपकना,बहना या रसना। क्षरण। २. गलकर तरल होना। ३. शरीर से पसीना निकलना। ४. चलना या जाना। गमन। ५. वायु। हवा। ६.जल। पानी। ७. चित्र। तसवीर। ८. घोड़ा। ९. चन्द्रमा। १॰. एक प्रकार का मंत्र, जिससे अस्त्र मंत्रित किये जाते थे। ११. गत उत्सर्पिणी के २३वें अर्हत् का नाम। (जैन) १२. तिनिश वृक्ष। १३. तिन्दुक वृक्ष। तेंदू।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					स्यंदनिका					 :
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					स्त्री० [सं०] १. छोटी नदी। नहर। २. थूक या लार की बूँद।				 | 
			
			
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					स्यंदनी					 :
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					स्त्री० [सं०] १. थूक। लार। २. वह नाडी जिसके द्वारा मूत्र शरीर के बाहर निकलता है।				 | 
			
			
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