शब्द का अर्थ
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					स्रग					 :
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					स्त्री०=स्रक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					स्रगाल					 :
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					पुं०=श्रृंगाल (सियार)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					स्रग्दाम (न्)					 :
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					पुं० [सं०] वह डोरा या सूत जिसमें माला के फूल पिरोये रहते हैं।				 | 
			
			
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					स्रग्धर					 :
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					वि० [सं०] पुष्प-हार धारण करनेवाला।				 | 
			
			
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					स्रग्धरा					 :
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					स्त्री० [सं०] १. एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में म र भ न य य य) ऽऽऽ ऽ।ऽ ऽ॥ ।।। ।ऽऽ ।ऽऽ।ऽऽ होता है और ७,७,७ पर यति होती है। २. बौद्धों की एक देवी।				 | 
			
			
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					स्रग्वान्(वत्)					 :
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					वि० [सं०] १. जो माला पहने हो। २. जो स्रक् नामक माला पहने हो।				 | 
			
			
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					स्रग्विणी					 :
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					स्त्री० [सं०] १,.एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में चार रगण होते हैं। २. एक देवी का नाम।				 | 
			
			
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					स्रग्वी(विन्)					 :
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					वि० [सं०] जो माला पहने हो। मालाधारी।				 | 
			
			
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