शब्द का अर्थ
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					स्रवन					 :
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					पुं० १. =स्रवण। २. =श्रवण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					स्रवना					 :
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					अ० [सं० स्रवण] १. बहना। चूना। टपकना। २. गिरना। उदाहरण–अति गर्व गनई न सगुन असगुन स्रवहिं आयुध हाथ तें।–तुलसी। स०१. बहाना। २. गिराना। उदाहरण–चलत दशानन डोलति अवनी। गर्जत गर्भ स्रवहिं सुररवनी।–तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |