स्वर्णकर्ष/svarnakarsh

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स्वर्णकर्ष  : पुं० [सं०] सोने की एक प्राचीन तौल जो किसी के मत से दश माशे की और किसी के मत से सोलह माशे की होती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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