शब्द का अर्थ
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					आयुर्वेद					 :
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					पुं० [सं० आयुस√विद्(लाभ)+घञ्] [वि० आयुर्वेदीय] भारतीय चिकित्सा शास्त्र जो अर्थवेद का उपभेद या उपांग माना गया है और जो नीचे लिखे आठ अंगो में विभक्त है-शल्य (चीर-फाड़) शालाक्य (सालइयों आदि का प्रयोग) काय-चिकित्सा (औषधों से रोग दूर करना) भूत-विद्या (झाड़-फूँक और टोना-टोटका) कौमार तंत्र (बच्चों के रोगों की चिकित्सा) अंगद तंत्र (जहरीले जानवरों के काटने पर होनेवाली चिकित्सा) रसायन (भस्म आदि बनाने की क्रिया) और वाजीकरण। इसके मूल आचार्य अशिवनीकुमार कहे गये है।				 | 
			
			
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					आयुर्वेदिक					 :
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					वि० [सं० आयुर्वेद+ठक्-इक] आयुर्वेद से संबंध रखने या उसमें होनेवाला। जैसे—आयुर्वेदिक चिकित्सा।				 | 
			
			
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					आयुर्वेदी (दिन्)					 :
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					पुं० [सं० आयुर्वेद+इनि] आयुर्वेद का ज्ञाता। चिकित्सक। वैद्य।				 | 
			
			
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