शब्द का अर्थ
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					ईंरण					 :
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					पुं० [सं०√ईर् (गति)+ल्यु-अन] वायु। हवा। पुं० [सं० ईरणं] [भू० कृ० ईरति] १. किसी को आगे ढकेलने या बढ़ाने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजना या प्रेरणा। ३. गमन। जाना। ४. घोषणा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ईंरण					 :
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					पुं० [सं०√ईर् (गति)+ल्यु-अन] वायु। हवा। पुं० [सं० ईरणं] [भू० कृ० ईरति] १. किसी को आगे ढकेलने या बढ़ाने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजना या प्रेरणा। ३. गमन। जाना। ४. घोषणा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |