शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					ईत					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ईति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ईत					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ईति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ईतर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० इतर] १. इतरानेवाला। २. तुच्छ। निकृष्ट। ३. ढीठ। गुस्ताख।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ईतर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० इतर] १. इतरानेवाला। २. तुच्छ। निकृष्ट। ३. ढीठ। गुस्ताख।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ईति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√ई (गति)+क्तिन्] १. खेती को हानि पहुँचानेवाले उपद्रव या विपत्तियाँ जो छः प्रकार की कही गई हैं-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, टिड्डियाँ, चूहे, पक्षी और विदेशी आक्रमण। उदाहरण—दशरथ राज न ईति भय, नहिं दुख दुरित दुकाल। २. बाधा। ३. कष्ट। दुख। ४० झगड़ा-बखेड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ईति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√ई (गति)+क्तिन्] १. खेती को हानि पहुँचानेवाले उपद्रव या विपत्तियाँ जो छः प्रकार की कही गई हैं-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, टिड्डियाँ, चूहे, पक्षी और विदेशी आक्रमण। उदाहरण—दशरथ राज न ईति भय, नहिं दुख दुरित दुकाल। २. बाधा। ३. कष्ट। दुख। ४० झगड़ा-बखेड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |