शब्द का अर्थ
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उपहत :
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वि० [सं० उप√हन् (हिंसा)+क्त] १. नष्ट किया हुआ। २. खराब किया या बिगाड़ा हुआ। ३. (सुरासव) जो कुछ विशिष्ट रासायनिक पदार्थों के योग से इतना विषाक्त कर दिया गया हो कि लोग उसे पी न सके। (मैथिलेटेड) ४. कष्ट या संकट में पड़ा हुआ। ५. अपवित्र या अशुद्ध किया हुआ। ६. दुःखी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपहत :
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वि० [सं० उप√हन् (हिंसा)+क्त] १. नष्ट किया हुआ। २. खराब किया या बिगाड़ा हुआ। ३. (सुरासव) जो कुछ विशिष्ट रासायनिक पदार्थों के योग से इतना विषाक्त कर दिया गया हो कि लोग उसे पी न सके। (मैथिलेटेड) ४. कष्ट या संकट में पड़ा हुआ। ५. अपवित्र या अशुद्ध किया हुआ। ६. दुःखी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपहत-चित्त :
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स्त्री० [सं० ब० स०] १. विवेक से रहित या शून्य। २. पागल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपहत-चित्त :
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स्त्री० [सं० ब० स०] १. विवेक से रहित या शून्य। २. पागल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपहति :
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स्त्री० [सं० उप√हन्+क्तिन्] १. उपहत होने की अवस्था या भाव। २. विनाश। ३. हानि। ४. अत्याचार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपहति :
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स्त्री० [सं० उप√हन्+क्तिन्] १. उपहत होने की अवस्था या भाव। २. विनाश। ३. हानि। ४. अत्याचार। |
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समानार्थी शब्द-
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