शब्द का अर्थ
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ऊरु :
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पुं० [सं० ऊर्णु (आच्छादन)+कु] जाँघ। रान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरु :
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पुं० [सं० ऊर्णु (आच्छादन)+कु] जाँघ। रान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरु-जन्मा (न्मन्) :
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पुं० [सं० ब० स०] वैश्य। पुं० [सं० ] घुटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरु-जन्मा (न्मन्) :
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पुं० [सं० ब० स०] वैश्य। पुं० [सं० ] घुटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरुज :
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वि० [सं० ऊरु√जन् (उत्पन्न होना)+ड] जिसका जन्म जाँघ से हुआ हो। पुं० वैश्य जाति जिसकी उत्पत्ति ब्रह्मा की जाँघ से मानी गई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरुज :
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वि० [सं० ऊरु√जन् (उत्पन्न होना)+ड] जिसका जन्म जाँघ से हुआ हो। पुं० वैश्य जाति जिसकी उत्पत्ति ब्रह्मा की जाँघ से मानी गई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरुस्तंभ :
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पुं० [सं० ऊरु√स्तंभ(रोकना)+अण्] एक प्रकार का वात रोग जिसमें घुटने और जाँघे जकड़ जाती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊरुस्तंभ :
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पुं० [सं० ऊरु√स्तंभ(रोकना)+अण्] एक प्रकार का वात रोग जिसमें घुटने और जाँघे जकड़ जाती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |