एकाक्ष/ekaaksh

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एकाक्ष  : वि० [सं० एक-अक्षि, ब० स० षच्] [स्त्री० एकाक्षी] १. जिसकी एक ही आँख हो। एक आँखवाला। २. जिसकी एक ही आँख बच रही हो, दूसरी न रह गई हो। काना। ३. एक ही अक्ष पर रहने या घूमनेवाला। (यूनी-एक्सिअल) पुं० १. शुक्राचार्य। २. कौआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
एकाक्ष-पिंगल  : पुं० [ब० स०] कुबेर।
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एकाक्ष-रूद्राक्ष  : पुं० [कर्म० स०] ऐसा रुद्राक्ष जिसमें एक ही आँख या बिंदी हो। एकमुखी रुद्राक्ष। (यह बहुत कम मिलता है और शुभ माना जाता है)।
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एकाक्षर  : वि० [सं० एक-अक्षर, ब० स०] जिसमें एक ही अक्षर हो। एक अक्षरवाला। पुं० एक अक्षर का मंत्र ‘ॐ’।
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एकाक्षरी (रिन्)  : वि० [सं० एकाक्षर, एक-अक्षर, कर्म० स०+इनि] १. जिसमें एक ही अक्षर हो। एक अक्षरवाला। जैसे—एकाक्षरी मंत्र। २. जिसमें एक-एक अक्षर अलग-अलग हो। प्रत्येक अक्षर के विचार से अलग-अलग रहने या होनेवाला। जैसे—एकाक्षरी कोश।
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एकाक्षरी कोश  : पुं० [सं० व्यस्त पद] वह कोश जिसमें प्रत्येक अक्षर के अलग-अलग अर्थ दिये हों।
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एकाक्षी  : वि० एकाक्ष।
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