शब्द का अर्थ
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					ओष्ठ					 :
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					पुं० [सं० उष्(दाह)+थन्] [वि० ओष्ठ्य] ओंठ। होंठ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ओष्ठ					 :
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					पुं० [सं० उष्(दाह)+थन्] [वि० ओष्ठ्य] ओंठ। होंठ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ओष्ठी					 :
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					स्त्री० [सं० ओष्ठ+क्विप्+अच्-ङीष्] कुंदरू या बिंबाफल नामक लता या उसका फल, जिससे ओंठों की उपमा दी जाती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ओष्ठी					 :
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					स्त्री० [सं० ओष्ठ+क्विप्+अच्-ङीष्] कुंदरू या बिंबाफल नामक लता या उसका फल, जिससे ओंठों की उपमा दी जाती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ओष्ठ्य					 :
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					वि० [सं० ओष्ठ+यत्] १. ओंठ का। ओंठ संबंधी। २. (अक्षर या वर्ण) जिसके उच्चारण में ओठों की भी सहायता लेनी पडती है। जैसे—प, फ, ब आदि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					ओष्ठ्य					 :
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					वि० [सं० ओष्ठ+यत्] १. ओंठ का। ओंठ संबंधी। २. (अक्षर या वर्ण) जिसके उच्चारण में ओठों की भी सहायता लेनी पडती है। जैसे—प, फ, ब आदि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |