शब्द का अर्थ
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					करभ					 :
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					पुं० [सं० कर√भा (दीप्ति)+क] १. कलाई से कानी उँगली। तक हाथ का बाहरी हिस्सा। २. ऊँट का बच्चा। ३. हाथी का बच्चा। ४. ऊँट। ५. नख नामक सुगंधित द्रव्य। ६. कमर। ७. दोहे का एक भेद।				 | 
			
			
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					करभक					 :
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					पुं० [सं० करभ+ कन्] ऊँट।				 | 
			
			
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					करभा					 :
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					पु०=करभ। पुं० [देश०] जंगली जातियों का एक प्रकार का गाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) करभी (भिन्) पुं० [सं० करभ+इनि] हाथी। स्त्री० [सं० करभ+ ङीष्] ऊँटनी।				 | 
			
			
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					करभीर					 :
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					पुं० [सं० करभिन्√ईर्+(प्ररेणा देना)+अण्] सिंह। शेर।				 | 
			
			
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					करभोरु					 :
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					पुं० [सं० करभ-ऊरु, उपमि० सं०] हाथी की सूँड़ की तरह सुडौल (अर्थात् सुन्दर) जाँघ। वि० [ब० स०] हाथी की सूँड़ जैसी सुडौल जाँघवाली (स्त्री)। सुन्दर जाँघवाली।				 | 
			
			
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