शब्द का अर्थ
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कान्हर :
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पुं० [सं० कर्ण] कोल्हू के कातर पर लगी हुई वह बेड़ी लकड़ी जो कोल्हू की कमर से लगकर चारों ओर घूमती है। पुं० [सं० कृष्ण] श्रीकृष्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कान्हरा :
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पुं० =कान्हड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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