शब्द का अर्थ
|
किरच :
|
स्त्री० [सं० कृति=कैंची] १. एक प्रकार की छोटी पतली बरछी। २. किसी कड़ी चीज (जैसे—काँच मिट्टी, हीरे आदि) का बहुत छोटा नुकीला टुकड़ा। उदाहरण—कोमल कूकि कै कोकिल कूर करेजिन कौ किरचै करती क्यों।—देव। पद—किरच का गोला=वह गोला जिसके फटने पर अंदर भरे हुए लोहे-शीशे आदि के छोटे-छोटे टुकड़े चारों ओर फैलकर शत्रुओं को घायल कर देते हैं। (सैनिक)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरचिया :
|
पुं० [देश] बगले की तरह का एक पक्षी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरची :
|
पुं० [देश] १. एक प्रकार का बढ़िया रेशम। २. रेशम के डोरों का लच्छा। स्त्री०=छोटी किरच।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |