शब्द का अर्थ
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किरना :
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अ० [सं० कीर्णन] १. किसी चीज में से उसके छोटे-छोटे अंश या कण धीरे-धीरे गिरना। जैसे—छत में से ऊपर का बालू या मिट्टी किरना। २. घार का कुंद या भोथरा होना। जैसे—चाकू की धार किरना। ३. झेंपते हुए अलग या दूर रहना। जैसे—वह मुझ से किरता है। ४. उछलना। (राज०)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरनारा :
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वि० [हिं० किरन+आरा] जिसमें से किरणें निकल रही हों। किरणोंवाला। उदाहरण— कर्निकार कल कुसुम कांति कोमल किरनारे।—रत्ना०। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |