शब्द का अर्थ
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					केलि					 :
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					स्त्री० [सं० √केलि+इन्] १. कोई ऐसी क्रिया जिससे मनोरंजन होता हो। कीड़ा। खेल। २. हँसी मजाक। ३. मैथुन। रति। ४. पृथ्वी। स्त्री० [सं० कदली] केला (वृक्ष और फल)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					केलि-कला					 :
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					स्त्री० [मध्य० स०] १. सरस्वती की वीणा। २. मैथुन रति।				 | 
			
			
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					केलि-मैथुन					 :
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					पुं० [मध्य० स०] मन में संभोग का विचार रखकर अथवा कामुक दृष्टि से स्त्रियों के साथ तरह-तरह के खेल खेलना।				 | 
			
			
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					केलिक					 :
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					पुं० [सं० केलि+ठन्-इक] अशोक का पेड़। वि० [सं० केलि] १. केलि या क्रीड़ा संबंधी। २. केलि या क्रीड़ा करनेवाला।				 | 
			
			
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					केलिकिल					 :
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					पुं० [सं० केलि√किल् (क्रीड़ा)+क] १. नाटक का विदूषक। २. शिव का एक अनुचर। स्त्री० रति।				 | 
			
			
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