शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					क्रोड़					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√क्रोड् (घना होना)+घञ्] १. वह अवकाश जो किसी को आलिंगन करने के समय दोनों बाहों के बीच में पड़ता है। २. पेट के आगे और जाँघों के ऊपर का भाग जिस पर बच्चे बैठाये जाते हैं। गोद। ३. किसी वस्तु के बीच का भाग। ४. पेड़ के तने में होनेवाला खोखला भाग। ५. शनिग्रह। ६. सूअर। शूकर। ७. वाराही कंद। गेंठी।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |