| शब्द का अर्थ | 
					
				| गाँज					 : | पुं० [हिं० गाँजना] १. गाँजने अर्थात् ढेर लगाने की क्रिया या भाव। २. ढेर। राशि। जैसे–भूसे या लकड़ी का गाँज। | 
			
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				| गाँजना					 : | स० [फा० गंज] ढेर या राशि लगाना। एक के ऊपर एक रखना या लगाना। जैसे–भूसा गाँजना।, लकड़ी गाँजना। स० [सं० गंजन] तोड़ना-फोड़ना। नष्ट करना। उदाहरण–अई चीत गढ़ ओर सूँ तू गाँजियो न जाए।–बाँकीदास। | 
			
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				| गाँजा					 : | पुं० [सं० गञ्जा, गृंज; प्रा० उ० गंजा; बं० मरा० गाँजा; सिं० गाँजी, गुं० गाँजे] १. भाँग की एक जाति का एक प्रसिद्ध पौधा जिसकी मादक सूखी कलियाँ या फूल चिलम में रखकर तमाकू की तरह पीये जाते हैं। | 
			
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