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			| शब्द का अर्थ |  
				| गाँव					 : | पुं० [सं० ग्राम,पा० प्रा०, गु० गाम, अप० गाँअ, बँ० उ० गाँ,ने०सिं० गाँउँ, मरा० गाँव, गाव] [वि० गँवार, गँपारू] १. खेती बारी आदि करनेवाले लोगों की छोटी बस्ती जिसमें १॰-२॰ या १॰॰-२॰॰ घर हों। खेड़ा। मुहावरा–गाँव मारना=गाँव में पहुँचकर डाका डालना और वहाँ के सब लोगों को लूटना। २. मनुष्यों की बस्ती। ३. जगह। स्थान। उदाहरण–एक तुम्हारे ह्रै पिय प्यारे छाँड़ि और सब गाँव।–भारतेंदु। ४. बस्ती। ५. रहस्य संप्रदाय में काया या शरीर। |  
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				| गाँव-पंचायत					 : | स्त्री०=ग्राम पंचायत। |  
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				| गाँव-सभा					 : | स्त्री०=ग्राम पंचयात। |  
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				| गाँवटी					 : | वि० [हिं० गाँव] १. गाँव में रहने या होनेवाला। गाँव का। देहाती। उदाहरण–गाँवटी और जंगली जानवरों के चरने से।–वृंदावन लाल वर्मा। २. दे० ‘गँवार’। |  
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