| शब्द का अर्थ | 
					
				| गुरि					 : | स्त्री०=गुर (युक्ति)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| गुरिग					 : | स्त्री०=गोरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| गुरिंद					 : | पुं० [फा० गुर्ज] गदा। (क्व०) | 
			
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				| गुरिंदा					 : | पुं० [फा० गोयंदा] जासूस। भेदिया। | 
			
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				| गुरिय					 : | स्त्री०=गोरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| गुरिया					 : | स्त्री० [सं०, गुटिका] १. धातु, लकड़ी, शीशे आदि का वह छोटा छेददार दाना जिसे माला में पिरोते हैं। मनका। २. किसी वस्तु का छोटा अंश। टुकड़ा। ३. मछली के मांस का टुकड़ा। स्त्री० [देश०] १. दरी बुनने के करघे की वह बड़ी लकड़ी जिसमें बै का बाँस लगा रहता है। झिल्लन। २. पाटे या हेंगे की वह रस्सी जो बैलों की गरदन के पास जूए के बीच में बाँधी जाती है। | 
			
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				| गुरिल्ला					 : | पुं०=गोरिल्ला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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