चक्र-वर्ती(र्तिन्)/chakr-vartee(rtin)

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चक्र-वर्ती(र्तिन्)  : वि० [सं०चक्र√वृत्+णिनि, उप० स०] [स्त्री० चक्र वर्तिनी] (राजा) जिसका राज्य बहुत दूर-दूर तक और विशेषतः समुद्र-तट तक फैला हो। सार्वभौम। पुं० १. ऐसा सम्राट जो दो समुदायों के बीच की सारी भूमि पर एकच्छत्र राज्य करता हो। २. किसी दल का अधिपति। समूह-नायक। ३. बथुआ (साग)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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