शब्द का अर्थ
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					चश्म					 :
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					स्त्री० [फा०] १. आँख। नयन। नेत्र। २. आँख की तरह का कोई छेद या रचना। पद-चश्म बददूर=इसे बुरी नजर न लगे। (कोई अच्छी या सुन्दर चीज देखने पर)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चश्मक					 :
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					स्त्री० [फा० चश्म] १. आँखों से किया जानेवाला इशारा या संकेत। २. मनमुटाव। वैमनस्य। ३. ऐनक। चश्मा।				 | 
			
			
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					चश्मदीद					 :
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					वि० [फा०] १. जो आँखों से देखा हुआ हो। प्रत्यक्ष देखा हुआ। हो। प्रत्यक्ष देखा हुआ। २. प्रत्यक्षदर्शी। जैसे–चश्मदीद गवाह।				 | 
			
			
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					चश्मदीद गवाह					 :
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					पुं० [फा०] वह साक्षी जो अपनी आँखों से देखी हुई घटना कहे। वह गवाह जो चश्मदीद माजरा (आँखों देखी घटना) बयान करे।				 | 
			
			
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					चश्मनुमाई					 :
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					स्त्री० [फा०] आँखें दिखा या निकालकर किसी को डराना। भयभीत करना।				 | 
			
			
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					चश्मा					 :
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					पुं० [फा० चश्म] १. जल-स्रोत। सोता। २. आँखों पर लगाया जानेवाला धातु का एक प्रकार का प्रसिद्ध ढाँचा या कमानी जिसमें लगे हुए शीशों की सहायता से वस्तुएँ अधिक स्पष्ट दिखाई देती है। क्रि० प्र-लगाना।				 | 
			
			
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					चश्मापोशी					 :
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					स्त्री० [फा०] जान-बूझकर किसी अनुचित बात को टाल जाना। उपेक्षा करना।				 | 
			
			
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