शब्द का अर्थ
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					चुक					 :
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					पुं०=चूक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					चुक					 :
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					पुं० [सं० चक्र (तृप्त करना)+रक्, उत्व] १. चूक नाम की खटाई। चूक। महाम्ल। २. चूका नाम का खट्टा साग। ३. अमलबेत। ४. काँजी। संधान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चुकचुकाना					 :
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					अ० [हिं० चूना=टपकना] तरल पदार्थ का किसी पात्र या तल में होनेवाले छोटे छेद के मार्ग से सूक्ष्म कणों के रूप में बाहर निकलना। पसीजना। जैसे–थप्पड़ लगने पर गाल से खून चुकचुकाना।				 | 
			
			
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					चुकचुहिया					 :
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					स्त्री० [देश०] १. एक प्रकार की छोटी चिड़िया जो बहुत तड़के बोलने लगती है। २. बच्चों का एक प्रकार का खिलौना जिसे दबाने या हिलाने से चुँ चूँ शब्द होता है।				 | 
			
			
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					चुकट					 :
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					पुं०[हिं० चुटका] १. चंगुल। २. चुटकी।				 | 
			
			
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					चुकता					 :
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					वि० [हिं० चुकना] १. (ऋण या देना) जो चुका दिया गया हों। २. (हिसाब) जिसमें लेना और देना दोनों बराबर हो गयें हो।				 | 
			
			
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					चुकती					 :
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					वि०=चुकता।				 | 
			
			
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					चुकंदर					 :
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					पुं० [फा०] गाजर, शलजम आदि की तरह का एक प्रसिद्ध मीठा कंद जो लाल रंग का होता है और तरकारी बनाने के काम आता है। इसके रस से एक प्रकार की चीनी भी बनती है।				 | 
			
			
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					चुकना					 :
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					अ० [सं० च्यव, चुक्क, प्रा० चुक्कइ, उ० चुकाइबा, पं० चुक्कणा, सि० चुकणु, गु० चुकबूँ, मरा० चुकणें] १.(काम या बात का) पूरा या समाप्त होना। बाकी न रहना। २. (पदार्थ का) कम होते होते निःशेष या समाप्त होना। जैसे–घर में आटा चुक गया। ३. (ऋण या देन का) पूरा-पूरा परिशोध होना। देना बाकी न रहना। जैसे–उनका हिसाब तो कभी का चुक गया। ४. (झगड़ा या बखेड़ा) तै हो जाना। निपटना। जैसे–चलो, आज यह झगड़ा भी चुका। ५. एक संयोज्य क्रिया, जो मुख्य क्रिया की समाप्ति की सूचक होती है। जैसे–खेल चुकना, लड़ चुकना आदि। ६. दे० कूकना। अ० चूकना। उदाहरण–चुकइन घात मुठ भेरी।–तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					चुकरी					 :
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					स्त्री० [देश०] रेवंद चीनी।				 | 
			
			
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					चुकरैंड़					 :
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					पुं० [देश०] दो-मुँहा साँप जिसे गूँगी भी कहते हैं।				 | 
			
			
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					चुकवाना					 :
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					स० [हिं० चुकाना का प्रे०] किसी को कुछ चुकाने में प्रवृत्त करना। जैसे–कर्ज या झगड़ा चुकवाना।				 | 
			
			
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					चुकाई					 :
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					स्त्री० [हिं० चुकता] चुकने या चुकाने की क्रिया, भाव या मजदूरी।				 | 
			
			
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					चुकाना					 :
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					स० [हिं० चुकना का स०] १. किसी से लिया हुआ धन पूरा पूरा वापस करना। जैसे–ऋण चुकाना। २. किसी की हुई हानि को पूरा करना। क्षति-पूर्ति करना। जैसे–रेल दुर्घटना में मरनेवाले व्यक्ति के परिवारों को दो दो हजार रुपए सरकार ने चुकाए हैं। ३. झगड़ा या विवाद तै करना। निपटाना।				 | 
			
			
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					चुकाव					 :
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					पुं० [हिं० चुकना] चुकने या चुकाये जाने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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					चुकावरा					 :
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					पुं० [हिं० चुकाना] ऋण, देन आदि चुकाने की क्रिया या भाव। (बुन्देल०)।				 | 
			
			
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					चुकिया					 :
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					स्त्री० [देश०] तेलियों की धानी में पानी देने का छोटा बरतन। कुल्हिया।				 | 
			
			
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					चुकौता					 :
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					पुं० [हिं० चुकाना+औता (प्रत्य०)] १. चुकाने की क्रिया या भाव। २. रुपया चुकता पाने के समय लिखी जानेवाली पावती। रसीद।				 | 
			
			
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					चुकौती					 :
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					स्त्री०=चुकौता।				 | 
			
			
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					चुक्क					 :
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					पुं०=चूक (खटाई) उदाहरण–चुक्क लाइकै रीधें भाँटा।–				 | 
			
			
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					चुक्कड़					 :
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					पुं० [?] पानी, शराब आदि पीने का मिट्टी का गोल छोटा बरतन। कुल्हड़। पुरवा।				 | 
			
			
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					चुक्का					 :
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					पुं० १. दे० ‘चूक’। (खटाई)। २. दे० ‘चुक्कड़’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चुक्कार					 :
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					पुं० [सं०√चुक्क (पीड़ा देना)+अच्, चुक्क-आ√रा (लेना)+क] गरजने की क्रिया या भाव। गर्जन। गरज।				 | 
			
			
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					चुक्की					 :
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					स्त्री० [हिं० चूकना] १. चूक। भूल। २. छल। धोखा।				 | 
			
			
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					चुक्कीमाली					 :
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					स्त्री० [?] मुड़े हुए घुटनों को पीठ के सहारे अंगौछे से कुछ ढीला बाँधकर बैठने का एक ढंग। (देहाती)।				 | 
			
			
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					चुक्र-फल					 :
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					पुं० [ब० स०] इमली।				 | 
			
			
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					चुक्र-वास्तुक					 :
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					पुं० [उपमि० स०] अमलोनी नाम का साग।				 | 
			
			
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					चुक्र-वेधक					 :
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					पुं० [ष० त०] एक प्रकार का काँजी।				 | 
			
			
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					चुक्रक					 :
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					पुं० [सं० चुक्र+कम्] चूक नाम का साग।				 | 
			
			
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					चुक्रा					 :
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					स्त्री० [सं० चुक्र+टाप्] १. अमलोनी नाम का साग। २. इमली।				 | 
			
			
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					चुक्राम्ल					 :
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					पुं० [सं० चुक्र-अम्ल, उपमि० स०] १. चूक नाम की खटाई। २. चूका नाम का साग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चुक्रिका					 :
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					स्त्री० [सं० चुक्र+ठन्-इक+टाप्] १. अमलोनी नाम का साग। नोनिया। २. इमली।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चुक्रिमा(मन्)					 :
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					स्त्री० [सं० चुक्र+इमानिच्] खट्टापन। खटाई। खटास।				 | 
			
			
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					चुक्षा					 :
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					स्त्री० [सं०√चष् (वध करना)+स० बाहु पृषो] हिंसा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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