शब्द का अर्थ
|
छत्त :
|
स्त्री०=छत।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तर :
|
पुं० १. दे० ‘छत्र’। २. दे० ‘अन्नसत्र’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्ता :
|
पुं० [सं० छत्र] १. छाता। छतरी। २. राजा का छत्र। ३. गली आदि की ऊपरी छत। ४. बर्रे, मधुमक्खियों आदि द्वारा निर्मित मोम की वह रचना जिसमें वे स्वयं रहती अंडे देती और शहद जमा करती हैं। ५. वह पौधा या वृक्ष जिसकी शाखाएँ छितरी या फैली हुई हों। ६. कमल की बीजकोश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्ति :
|
स्त्री० [सं० छत्र] चमड़े का वह कुप्पा जिस पर बैठकर प्राचीन काल में लोग नदी पार करते थे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तीस :
|
[सं० षट्त्रिशत्, प्रा० छत्तीसंती, छत्तीसम्, बँ० सात्रीस, ओ० छत्रीस, पं० छती; सिं० छत्रीह, गु० छत्रीस; ने० छतिस्० मरा० छत्तीस] जो गिनती में तीस से छः अधिक हो। पुं० उक्त संख्या का सूचक अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है।–३६। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तीसगढ़ :
|
पुं० [हिं० छत्तीस+सं० गढ़] आधुनिक मध्यप्रदेश का एक विभाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तीसगढ़ी :
|
स्त्री० [हिं० छत्तीसगढ़] छत्तीसगढ़ की बोली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तीसा :
|
वि० [स्त्री० छत्तीसी, भाव० छत्तीसापन]=छ्तीसा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छत्तेदार :
|
वि० [हिं० छत्ता+फा० दार] १. जिसके ऊपर छत्र या छत्ता हो। २. मधुमक्खियों के छत्ते के आकार का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |