शब्द का अर्थ
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					छरना					 :
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					स० [सं० क्षरण] सूप में अनाज आदि छाँटना या फटकना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ० १. अनाज आदि का छाँटा या फटका जाना। २. दूर होना। न रह जाना। ३. तरल पदार्थ का कहीं से निकलकर धीरे-धीरे बहना। चूना। टपकना। रसना। स=छलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स०=छड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० =छलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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