शब्द का अर्थ
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					छाक					 :
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					स्त्री० [हिं० छकना] १. छकने की क्रिया या भाव। २. वह भोजन जो दोपहर के समय खेत पर काम करने वाले व्यक्ति के लिए भेजा जाता है। दोपहर का कलेवा। ३. शराब पीने के समय खाई जानेवाली चटपटी चीजें। चाट। ४. नशा। मद। उदाहरण–दिन छिनदा छाकी रहत छुटत न बिनु छबि छाकुं।–बिहारी। ५. नशीली चीज। मादक पदार्थ। उदाहरण–आठहू पहर की छाक पीवै।–कबीर। ६. ममता। मस्ती।				 | 
			
			
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					छाकना					 :
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					अ० [हिं० छकना] १. तृप्त होना। छकना। २. भर जाना। उदाहरण–कियो हुमुकि हुंकार छोभि त्रिभुवन भय छाक्यौ।–रत्नाकर। ३. चकित होना। अ० छकना। धोखा खाना।				 | 
			
			
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					छाकु					 :
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					पुं० [हिं० छाक] मद्य। मदिरा।				 | 
			
			
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