शब्द का अर्थ
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					छात					 :
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					स्त्री०=छत। पुं० १. =छत्र। उदाहरण–का कहँ बोलि सौहँभा,पातसाहि कर छात।–जायसी। २. छाता।				 | 
			
			
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					छाता					 :
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					पुं० [सं० छत्रकम्, पा० छत्तकम्, सि० छद्रु, उ० छाता, मराठी० छत्र] १. कपड़े का वह प्रसिद्ध आच्छादन जो छड़ी में लगी हुई तीलियों पर कपड़ा आदि चढ़ाकर बनाया जाता है और जिसे धूप, वर्षा आदि से रक्षित रहने के लिए सिर के ऊपर खोल या तानकर चलते हैं। २. उक्त आकार की कोई वानस्पतिक रचना। छत्ता। जैसे–खुमी का छाता। ३. दे० ‘छतरी’।				 | 
			
			
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					छाती					 :
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					स्त्री० [सं० छादिन् छाने या छाया करनेवाला] १. जीवों के शरीर का सामने वाला वह भाग जो पेट और गरदन के बीच स्थित होता है। वक्षस्थल। २. मनुष्य के शरीर का उक्त भाग, जिसमें स्त्री जाति में स्तन होते हैं। मुहावरा–छाती डलना=अपच के कारण उक्त अंश के भीतरी भागों में जलन होना। छाती पीटना=बहुत दुःखी या शोकमग्न होने पर छाती पर हथेली से बार-बार आघात करना। छाती लगाना=आलिंगन करना। ३. स्त्रियों का स्तन। मुहावरा–छाती छुड़ाना=ऐसी क्रिया करना जिससे शिशुओं के स्तन-पान करने का अभ्यास छूटे। छाती पिलाना=स्त्री का संतान को अपना दूध पिलाना। ४. मन। हृदय। मुहावरा–छाती उमडना=प्रसन्नता से फूले न समाना। छाती जलना=कोई कष्टदायक घटना या बात होने पर संतप्त होना। छाती जुड़ाना या ठंडी होना=अभिलाषा पूर्ण होने पर मन शान्त होना। छाती पत्थर की करना=अपने हृदय को इतना कड़ा करना या बनाना कि उस पर दुख का प्रभाव न पड़े। (किसी की) छाती पर कोदों या मूँग दलना=किसी के सामने जान-बूझकर ऐसा आचरण या व्यवहार या काम करना जिससे उसका दिल दुखता हो। छाती पर पत्थर रखना=दुःखी या शोकमग्न होने पर अपने दिल को कड़ा करना। छाती पर साँप फिरना या लेटना=(क) कलेजा दहल जाना। (ख) ईर्ष्या के कारण व्यथित होना। छाती फटना=बहुत अधिक असह्र दुःख या वेदना होना। छाती भर आना=ह्रदय गद्गद हो जाना। ५. जीवट। साहस। हिम्मत।				 | 
			
			
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					छात्र					 :
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					पुं० [सं० छत्र+ण्] [स्त्री० छात्रा] १. विद्यार्थी। २. शिष्य। वि० १. छात्र-संबंधी। २. गुरु या बड़े पर छत लगाकर उसके पीछे-पीछे चलनेवाला।				 | 
			
			
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					छात्रवृत्ति					 :
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					स्त्री० [ष० त०] निर्धन तथा योग्य छात्रों को विद्याध्ययन करने अथवा किसी विषय में अनुसंधान करने के लिए कुछ समय तक नियमित रूप से दी जानेवाली आर्थिक सहायता। (स्कालर शिप)।				 | 
			
			
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					छात्रालय					 :
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					पुं० [सं० छात्र+आलय, ष० त०]=छात्रावास।				 | 
			
			
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					छात्रावास					 :
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					पुं० [सं० छात्र-आवास, ष० त०] वह स्थान जहाँ बहुत से छात्र निवास करते हों। छात्रों के रहने का स्थान। (बोडिंग हाउस)।				 | 
			
			
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