शब्द का अर्थ
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जंभ :
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पुं० [√जंभ (भक्षण, जमुहाई)+घञ्] १. दाढ़। २. जबड़ा। ३. जँभाई। ४. तरकश। ५. जँबीरी नीबू। ६. [√जंभ+अच्] महिषासुर का पिता जिसका वध इंद्र ने किया था। |
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समानार्थी शब्द-
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जंभ-भेदी(दिन्) :
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पुं० [सं० जंभ√भिद्(विदारण)+णिनि] इंद्र। |
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जंभक :
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पुं० [सं०√जंभ्+णिच्+ण्वुल्-अक] १. जँबीरी नीबू। २. शिव। ३. एक राजा। वि० १. जिसके सेवन से जँभाई आती हो। २. हिंसक। ३. [जंभ् (संभोग)+ण्वुल्-अक] कामुक। |
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जंभका :
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स्त्री० [सं० जंभा+कन्-टाप्,हृस्व] जँभाई। |
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जंभन :
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पु० [सं०√जंभ्+ल्युट-अन] १. भक्षण। २. रति। ३. जँभाई। |
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जंभा :
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स्त्री० [सं०√जंभ्+णिच्√अ-टाप्] जँभाई। |
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जँभाई :
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स्त्री० [सं० जुम्भा] एक शारीरिक व्यापार जिसमें मनुष्य गहरा सांस लेने के लिए पूरा मुँह खोलता है। विशेष–यह व्यापार थकावट या नींद के आने का सूचक होता है। क्रि० प्र०–आना। लेना। |
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जँभाना :
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अ० [सं० जृम्भण] पूरा मुँह खोलकर गहरा साँस लेना। जँभाई लेना। |
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जंभाराति :
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पुं० [सं० जंभ+अराति, ष० त०] जंभारि। (दे०) |
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जंभारि :
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पुं० [सं० जंभ-अरि, ष० त०] १. इंद्र। २. विष्णु। ३. अग्नि। ४. ब्रज। |
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जंभिका :
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स्त्री० [सं० जंभा+कन्+टाप्, इत्व] जंभा। |
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जंभी(भिन्) :
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पुं० [सं०√जंभ्+णिच्+णिनि] दे० ‘जंबीरी’। |
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जंभीर :
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पुं० [सं०√जंभ्+ईरन्] दे० ‘जंबीरी’। |
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जंभीरी :
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पुं० दे० ‘जंबीरी नीबू’। |
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जंभु-रिपु :
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पुं० [ष० त०] इंद्र। |
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जंभूरा :
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पुं०=जंबूरा। |
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