| शब्द का अर्थ | 
					
				| जगर					 : | पुं० [सं०√ जागृ (जागना)+अच्, पृषो० सिद्धि] कवच। | 
			
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				| जगरन					 : | पुं०=जागरण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| जगरनाथ					 : | पुं०=जगन्नाथ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| जगरमगर					 : | वि०=जगमग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| जगरा					 : | स्त्री० [सं०शर्करा] खजूर के रस से बनी हुई खांड या चीनी। | 
			
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