जालक/jaalak

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जालक  : पुं० [सं०√जल् (संवरण)+घञ्√कै (प्रतीत होना)+क] १. चिड़ियाँ, मछलियाँ आदि फंसाने का जाल। २. घास, भूसा आदि बाँधने का जाल। ३. झुंड। समूह। ४. कली। ५. झरोखा। ६. केला। कदली। ७. चिड़ियों का घोंसला। ८. अभिमान। घमंड। ९. गले में पहनने का मोतियों का एक गहना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
जालकि  : पुं० [सं०] १. जाल लगाकर पशु-पक्षी या मछलियों को पकड़ने वाला व्यक्ति। २. बाज। ३. मकड़ा। ४. जादूगर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
जालकिनी  : स्त्री० [सं० जालक+इनि-ङीप्] भेड़ी। मेषी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
जालकिरच  : स्त्री० [हिं० जाल+किरच] वह पेटी जिसके ऊपर परतला लगा हो और नीचे तलवार लटकती हो।
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जालकी(किन्)  : पुं० [सं० जालक+इनि] बादल। मेघ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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