शब्द का अर्थ
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जिह्म :
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वि० [सं०√हा (त्याग)+मन् सन्वद्भाव द्वित्वादि] १. टेढ़ा। वक्र। २. क्रूर। निर्दय। ३. कपटी। छली। ४. दुष्ट। पाजी। ५. खिन्न। दुःखी। ६. धीमा। मंद। पुं० १. अधर्म। २. तगर का फूल। |
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जिह्म-गति :
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वि० [ब० स०] जिसकी गति या चाल टेढ़ी हो। टेढा चलनेवाला। पुं० साँप। |
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जिह्मक्ष :
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वि० [जिह्म-अक्षि] टेढ़ी या तिरछी आँखवाला। ऐंचा या भेंगा। |
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जिह्मग :
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वि० [सं० जिह्म√ गम् (जाना)+ड] १. टेढ़ी-तिरछी चाल चलनेवाला। २. धीमी चाल से चलनेवाला। ३. चालबाज। धूर्त्त। पुं० सर्प। सांप। |
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जिह्मगामी(मिन्) :
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वि० [सं० जिह्म√ गम्+णिनि] [स्त्री० जिह्मगामिनी]=जिह्माग। |
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जिह्मता :
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स्त्री० [सं० जिह्म+तल्-टाप्] १. टेढ़ापन। वक्रता। २. धीमापन। मंदता। ३. कुटिलता ४. दुष्टता। ५. धूर्तता। |
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जिह्मित :
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वि० [सं० जिह्म+इतच्] १. टेढ़ा। २. घूमा हुआ। ३. चकित। विस्मित। |
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जिह्मीकृत :
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वि० [सं० जिह्य+च्वि√कृ (करना)+क्त, दीर्घ] झुकावा या टेढ़ा किया हुआ। |
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