| शब्द का अर्थ | 
					
				| जुअ					 : | अव्य० [?] अलग। (दूर या पृथक्)। उदाहरण–बक्खर पक्खर टुट्टि, टुट्टि हय खंड परिय जुअ।–चंदबरदाई। | 
			
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				| जुअती					 : | स्त्री=युवती।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| जुअना					 : | स०=जोवना (देखना) उदाहरण–बिरदैत दमित आजान भुअ, उर किवार वर वज्र जुअ।–चंदबरदाई। | 
			
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				| जुअलि					 : | वि० [सं० युगल] दो। उदाहरण–जुअलि नालि तसु गरभ जेहवी।–प्रिथीराज। | 
			
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