शब्द का अर्थ
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					ढरी					 :
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					पुं० [हिं० ढरना-ढलना] १. किसी वस्तु या व्यक्ति के ढरने (ढलने) या किसी ओर प्रवृत्त होने का प्रकार, मार्ग या रूप। २. कोई काम करने की निश्चित या बँधी हुई पद्धति, प्रणाली या शैली। मुहावरा–ढर्रे पर आना या लगना=कार्य सिद्ध के लिए अनुकूल, ठीक ढंग या रास्ते पर आना। जैसे–अब तो वह बहुत कुछ ढर्रे पर आ चला है। ३. उपाय। तदबीर। युक्ति। ४. आचार, व्यवहार आदि का प्रकार या रूप। जैसे–उसका यह ढर्रा तो ठीक नहीं है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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