शब्द का अर्थ
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तात्स्थ्य :
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पुं० [सं० तत्स्थ+ष्यञ्] १. एक चीज या बात के अन्तर्गत दूसरी चीज या बात रहने की अवस्था या भाव। २. तर्क-शास्त्र और साहित्य में व्यंजनात्मक अर्थ बोध का वह भेद जिसमें किसी चीज के नाम से उस चीज के अन्दर की और सब चीजों, बातों आदि का आशय ग्रहण किया जाता है। जैसे–यदि कहा जाय, सारा घर मेला देखने गया है। तो उसका आशय यही माना जायगा कि घर में रहनेवाले सभी लोग या परिवार के सभी सदस्य मेला देखने गये हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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