शब्द का अर्थ
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थरना :
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सं० [हिं० थर] १. रह-रहकर हलका आघात या चोट करना। २. कोई चीज गढ़ने या बनाने के लिए उसे धीरे-धीरे हथौड़ी आदि से पीटना। ३. अच्छी तरह मारना या पीटना। थूरना। ४. दीवारों की चनाई में एक थर के ऊपर दूसरा थर लगाना। पुं० कसेरों का एक औजार जिससे वे नक्काशी या फूल-पत्तियाँ बनाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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