शब्द का अर्थ
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थाँग :
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स्त्री० [हिं० थान] १. चोरों या डाकुओं के रहने का गुप्त स्थान। २. चोरों या चोरी गई हुई चीजों का लगाया जानेवाला पता। ३. किसी प्रकार के रहस्य की प्राप्त की हुई जानकारी या लिया हुआ भेद। ४. खोज। तलाश। क्रि० प्र०—लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
थाँगी :
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पुं० [हिं० थांग] १. चोरों का सरदार। २. वह जो चोरों से माल खरीदता और अपने पास रखता हो। ३. चोरों या चोरी के माल का पता लगानेवाला व्यक्ति। ४. रक्षा करने या आश्रय देनेवाला व्यक्ति। उदा०—निगुसाएँ वह गए, थाँगी नाहीं कोइ।—कबीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
थाँगीदारी :
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स्त्री० [हिं० थाँगी+फा० दार] थाँगी का काम या पद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |