शब्द का अर्थ
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					थोथ					 :
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					स्त्री० [हिं० थोथा] १. थोथे होने की अवस्था या भाव। थोथापन। २. खोखलापन। ३. निस्सारता। स्त्री०=तोंद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					थोथरा					 :
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					वि०=थोथा।				 | 
			
			
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					थोथा					 :
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					वि० [देश०] [स्त्री० थोथी] १. जिसके अन्दर का सार भाग नष्ट हो गया हो या निकल गया हो। २. जिसमें कुछ भी तत्त्व या सार न हो। निःसार। जैसे—थोथी बातें, थोथा विवाद। ३. निकम्मा, बेढंगा और भद्दा। ४. (पक्षी या पशु) जिसकी दुम कटी हो। बाँड़ा। ५. (शस्त्र) जिसकी धार कुंठित हो गई हो या घिस गई हो। भोथरा।				 | 
			
			
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					थोथी					 :
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					स्त्री० [हिं० थूथन] थूथन का अगला छोटा नुकीला भाग। स्त्री० [?] एक प्रकार की घास।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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