शब्द का अर्थ
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दंग :
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वि० [फा०] अप्रत्याशित अथवा अनोखी बात देखकर जो बहुत अधिक चकित या स्तब्ध हो गया हो। क्रि० प्र०—रह जाना।—हो जाना। पुं० १. डर। भय। २. घबराहट। पुं० दे० ‘दंगा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दंगई :
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वि० [हि० दंगा] १. दंगा या लड़ाई-झगड़ा करनेवाला। उपद्रवी। झगड़ालू। २. उग्र। तीव्र। प्रचंड। ३. बहुत बड़ा या भारी। दंगल। (क्व०)। स्त्री० १. दंगा-फसाद या लड़ाई-झगड़ा करने की प्रवृत्ति। २. दंगा-फसाद। उपद्रव। |
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दंगल :
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पुं० [फा०] १. पहलवानों की वह प्रतियोगिता, जिसमें प्रतिद्वन्दी को कुश्ती में जीतने पर प्रायः पुरस्कार के रूप में विशिष्ट धन-राशि मिलती है। २. उक्त के आधार पर कुश्ती लड़ने का अखाड़ा जिसमें उक्त प्रकार की बहुत सी प्रतियोगिताएँ होती हैं। ३. कोई ऐसी प्रतियोगिता जिसमें बहुत से प्रतियोगी सम्मिलित हुए यो होते हों। जैसे—कवियों या गवैयों का दंगल। ४. मोटा गद्दा। तोशक। वि० सामान्य आकार-प्रकार से बहुत अधिक या बड़े आकार-प्रकार वाला। जैसे—दंगल मकान। |
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दंगली :
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वि० [फा०] १. दंगल संबंधी। २. दंगलों में सम्मिलित होनेवाला। (पूरब) ३. जिसने दंगलों में विजय प्राप्त की हो। ४. बहुत बड़ा या भारी। |
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दँगवारा :
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पुं० [हिं० दंगल+वारा (प्रत्य०)] एक किसान द्वारा दूसरे किसान को हल-बैल आदि देकर की जानेवाली सहायता। जिता। हरसीत।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दंगा :
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पुं० [फा० दंगल] १. ऐसा झगड़ा या लड़ाई, जिसमें मार-पीट भी हो। उपद्रव। उदा०—जियत पिता से दंगम-दंगा। मुए पिता पहुँचाये गंगा।—कबीर। २. विधिक क्षेत्र में, ऐसा उपद्रव जिसमें बहुत से लोग विशेषतः विभिन्न दलों के लोग आपस में मार-पीट, लूट-पाट आदि करके सार्वजनिक शांति भंग करते हों। ३. गुल-गपाड़ा। हो-हल्ला। शोर। |
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दंगाई :
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पुं० [हं० दंगा] दंगा या उपद्रव करनेवाला व्यक्ति। स्त्री०=दंगाई। |
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दंगैत :
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पुं०=दंगाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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