शब्द का अर्थ
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दया :
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स्त्री० [सं०√दय्+अङ—टाप्] १. मन में स्वतः उठनेवाली वह मनुष्योचित सात्त्विक भावना या वृत्ति जो दुःखियों और पीड़ितो के कष्ट, दुःख आदि दूर करने में प्रवृत्त करती है। २. अपने व्यक्ति या अपने से दुर्बल व्यक्ति के साथ किया जानेवाला उक्त प्रकार का कोमल व्यवहार। मेहरबानी। (मरसी) ३. दक्ष प्रजापति की कन्या जो धर्म की पत्नी थी। |
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समानार्थी शब्द-
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दया-कूर्च :
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पुं० [स० त०] बुद्धदेव। |
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दया-दृष्टि :
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स्त्री० [मध्य० स०] किसी के प्रति होनेवाली अनुग्रहपूर्ण दृष्टि या भावना। |
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दया-निधान :
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पुं० [ष० त०] दया-निधि। |
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दया-निधि :
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पुं० [ष० त०] १. बहुत बड़ा दयालु। २. ईश्वर का एक विशेषण जो संज्ञा, संबोधन आदि के रूप में भी प्रयुक्त होता है। जैसे—दयानिधि, तोरी गति लखि न परै। |
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दया-पात्र :
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वि० [ष० त०] जो दया प्राप्त करने का अधिकारी या पात्र हो। जिस पर दया करना उचित हो। |
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दया-शील :
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वि० [ब० स०] जो स्वभावताः दूसरों पर दया करता हो। |
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दया-सागर :
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पुं० [ष० त०] जिसके चित्त में अगाध दया हो। अत्यंत दयालु मनुष्य। |
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दयानत :
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स्त्री० [अ०] १. देने की भावना। २. ईमानदारी। सत्यनिष्ठा। |
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दयानतदार :
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वि० [अ० दयानत+फा० दार] [भाव० दयानतदारी] ईमानदार। सच्चा। |
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दयानतदारी :
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स्त्री० [अ० दयानत+फा० दारी] दयापूर्ण व्यवहार करने में प्रवृत्त होना। दयालु होना। |
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दयाना :
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अ० [हिं० दया+न (प्रत्य०)] दयापूर्ण व्यवहार करने में प्रवृत्त होना। दयालु होना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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दयामय :
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वि० [सं० दया+मयट्] १. दया से पूर्ण। परम दयालु। २. ईश्वर का एक विशेषण। |
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दयार :
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पुं० [फा०] प्रदेश। अंत। भू-खंड। वि०=दयालु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=देवदार (वृक्ष)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दयार्द्र :
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वि० [दया-आर्द्र, तृ० त०] [भाव० दयार्द्रता] जिसका मन दया से आर्द्र हो गया हो। |
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दयाल :
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पुं० [?] एक प्रकार की चिड़िया जो बहुत मधुर स्वर में बोलती है। वि०=दयालु।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दयालु :
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वि० [सं०√दय् (पालन करना)+आलुच्] [भाव० दयालुता] जो सब पर दया करता हो। दयावान्। |
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दयालुता :
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स्त्री० [सं० दयालु+तल्—टाप्] दयालु होने की अवस्था गुण या भाव। |
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दयावंत :
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वि० [सं० दयावत्] [स्त्री० दयावती] दयावान्। |
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दयावती :
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वि० स्त्री० [सं० दयावत्+ङीष्] दया करनेवाली। |
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दयावना :
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अ०=दयाना। वि०=दयापात्र। |
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दयावान् (वत्) :
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वि० [सं० दया+मतुप्] जिसके चित्त में दया हो। दयालु। |
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दयावीर :
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पुं० [तृ० त०] वह जो दया करने में वीर हो। वह जो दूसरों पर दया करने में सबसे बढ़-चढ़कर हो। |
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