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			| शब्द का अर्थ |  
				| दिव्य-दृष्टि					 : | स्त्री० [कर्म० स०] १. ऐसी अलौकिक दृष्टि जिससे मनुष्य भूत, भविष्य और वर्तमान की अथवा परोक्ष की सब बातें प्रत्य़क्ष की तरह देख सकता हो। जैसे—उन्होने दिव्य दृष्टि से देख लिया कि स्वर्ग में देवताओं की सभा हो रही है, अथवा कलियुग में कैसे-कैसे अनर्थ और पाप होगें। २. ज्ञानदृष्टि। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |