परिपंथ/paripanth

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

परिपंथ  : वि० [सं० परि√पंथ् (गति)+अच्] जो रास्ता रोके हुए हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथ  : वि० [सं० परि√पंथ् (गति)+अच्] जो रास्ता रोके हुए हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथक  : वि० [सं० परि√पंथ्+ण्वुल्—अक] मार्ग या रास्ता रोकने वाला। पुं० १. वह जो प्रतिकूल या विरुद्ध आचरण या व्यवहार करता हो। २. दुश्मन। शत्रु। उदा०—पार भई परिपंथि गंजिमय।—गोरखनाथ। ३. लुटेरा। डाकू।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथक  : वि० [सं० परि√पंथ्+ण्वुल्—अक] मार्ग या रास्ता रोकने वाला। पुं० १. वह जो प्रतिकूल या विरुद्ध आचरण या व्यवहार करता हो। २. दुश्मन। शत्रु। उदा०—पार भई परिपंथि गंजिमय।—गोरखनाथ। ३. लुटेरा। डाकू।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथिक  : वि०, पुं०=परिपंथक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथिक  : वि०, पुं०=परिपंथक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथी (न्थिन्)  : वि०, पुं० [सं० परि√पंथ्+ णिनि ]=परिपंथक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपंथी (न्थिन्)  : वि०, पुं० [सं० परि√पंथ्+ णिनि ]=परिपंथक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ