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			| शब्द का अर्थ |  
				| परिप्रेक्ष्य					 : | पुं० [सं०] चित्रकला में, दृश्यों, पदार्थों, व्यक्तियों का ऐसा अंकन या चित्रण जिसमें उनका पारस्परिक अन्तर ठीक उसी रूप में दिखाई देता हो, जिस रूप में वह साधारणतः आँखों से देखने पर दिखाई देता है। (पर्स्पेक्टिव) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| परिप्रेक्ष्य					 : | पुं० [सं०] चित्रकला में, दृश्यों, पदार्थों, व्यक्तियों का ऐसा अंकन या चित्रण जिसमें उनका पारस्परिक अन्तर ठीक उसी रूप में दिखाई देता हो, जिस रूप में वह साधारणतः आँखों से देखने पर दिखाई देता है। (पर्स्पेक्टिव) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |