शब्द का अर्थ
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परिवर्णी :
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वि० [सं० परिवर्ण+हिं० ई (प्रत्य०)] (शब्द) जो कई शब्दों के आरंभिक वर्णों या अक्षरों के योग से अथवा कुछ शब्दों के आरंभिक तथा कुछ शब्दों के अंतिम वर्णों या अक्षरों के योग से बना हो। (ऐक्रास्टिक) जैसे—भारतीय+युरोपीय के योग से ‘भारोपीय’ अथवा चानव और जेहलम (झेलम) नदियों के बीचवाले प्रदेश का नाम ‘चज’ परिवर्णीशब्द है। इसी प्रकार चांद्रमास के पक्षों के ‘बदी’ (देखें) और ‘सुदी’ (देखें) भी परिवर्णी शब्द हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिवर्णी :
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वि० [सं० परिवर्ण+हिं० ई (प्रत्य०)] (शब्द) जो कई शब्दों के आरंभिक वर्णों या अक्षरों के योग से अथवा कुछ शब्दों के आरंभिक तथा कुछ शब्दों के अंतिम वर्णों या अक्षरों के योग से बना हो। (ऐक्रास्टिक) जैसे—भारतीय+युरोपीय के योग से ‘भारोपीय’ अथवा चानव और जेहलम (झेलम) नदियों के बीचवाले प्रदेश का नाम ‘चज’ परिवर्णीशब्द है। इसी प्रकार चांद्रमास के पक्षों के ‘बदी’ (देखें) और ‘सुदी’ (देखें) भी परिवर्णी शब्द हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |