| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिहासापह्नुति					 : | स्त्री० [सं० परिहास-अपह्नुति, मध्य० स०] साहित्य में, अपह्नुति अलंकार का एक भेद जिसमें पूर्वपद तो किसी अश्लील भाव का द्योतक होता है परंतु उत्तर-पद से उस अश्लीलत्व का परिहार हो जाता है और श्रोता हँस पड़ता है। उदा०—तुमको लाजिम है पकड़ो अब मेरा। हाथ में हाथ बामुहब्बतो प्यार।—कोई शायर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिहासापह्नुति					 : | स्त्री० [सं० परिहास-अपह्नुति, मध्य० स०] साहित्य में, अपह्नुति अलंकार का एक भेद जिसमें पूर्वपद तो किसी अश्लील भाव का द्योतक होता है परंतु उत्तर-पद से उस अश्लीलत्व का परिहार हो जाता है और श्रोता हँस पड़ता है। उदा०—तुमको लाजिम है पकड़ो अब मेरा। हाथ में हाथ बामुहब्बतो प्यार।—कोई शायर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |