शब्द का अर्थ
|
|
पलिघ :
|
स्त्री० [सं०=परिघ, लत्व] १. काँच का घड़ा। कलाबा। २. उक्त के आधार पर, शीशे आदि की वह बोतल जो चमड़े, टीन आदि से मढ़ी रहती है तथा जिसमें यात्रा के समय लोग पानी, शराब आदि रखकर चलते हैं। (थर्मस) ३. घड़ा। मटका। ४. चहारदीवारी। प्राचीर। ५. गाय बाँधने का घर। गो-गृह। ६. फाटक। ६. अर्गल। अगरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
पलिघ :
|
स्त्री० [सं०=परिघ, लत्व] १. काँच का घड़ा। कलाबा। २. उक्त के आधार पर, शीशे आदि की वह बोतल जो चमड़े, टीन आदि से मढ़ी रहती है तथा जिसमें यात्रा के समय लोग पानी, शराब आदि रखकर चलते हैं। (थर्मस) ३. घड़ा। मटका। ४. चहारदीवारी। प्राचीर। ५. गाय बाँधने का घर। गो-गृह। ६. फाटक। ६. अर्गल। अगरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|