शब्द का अर्थ
|
पसा :
|
पुं०=पसर। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसा :
|
पुं०=पसर। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाइ :
|
पुं०=पसाउ (प्रसाद)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाइ :
|
पुं०=पसाउ (प्रसाद)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाई :
|
स्त्री० [सं० प्रसातिका, प्रा० पसाइआ] पसताल नाम की घास जो तालों में होती है। पुं०=पसही (तिन्नी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [हिं० पसाना] (मोड़ आदि) पसाने की क्रिया या भाव। स्त्री० पिसाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाई :
|
स्त्री० [सं० प्रसातिका, प्रा० पसाइआ] पसताल नाम की घास जो तालों में होती है। पुं०=पसही (तिन्नी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [हिं० पसाना] (मोड़ आदि) पसाने की क्रिया या भाव। स्त्री० पिसाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाउ :
|
पुं० [सं० प्रसाद, प्रा० पवास] १. प्रसाद। २. कृपा। अनुग्रह। ३. प्रसन्नता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाउ :
|
पुं० [सं० प्रसाद, प्रा० पवास] १. प्रसाद। २. कृपा। अनुग्रह। ३. प्रसन्नता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाना :
|
स० [सं० प्रस्रवण, हिं० पसावना] [भाव० पसाई] १. पकाये हुए चावलों में से माँड़ निकालना। २. किसी वस्तु में से उसका जलीय अंश बाहर निकालना। अ [सं० प्रसादन] अनुग्रह आदि करने के लिए किसी पर प्रसन्न होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाना :
|
स० [सं० प्रस्रवण, हिं० पसावना] [भाव० पसाई] १. पकाये हुए चावलों में से माँड़ निकालना। २. किसी वस्तु में से उसका जलीय अंश बाहर निकालना। अ [सं० प्रसादन] अनुग्रह आदि करने के लिए किसी पर प्रसन्न होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसार :
|
पुं० [सं० प्रसार] १. पसरने की क्रिया या भाव। २. प्रसार। फैलाव। विस्तार। ३. दालान। (पश्चिम) पुं० [सं० प्रसाद] प्राप्त होने पर मिलनेवाली चीज। उदा०—दुहुँ कुल अपजस पहिल पसार।—विद्यापति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसार :
|
पुं० [सं० प्रसार] १. पसरने की क्रिया या भाव। २. प्रसार। फैलाव। विस्तार। ३. दालान। (पश्चिम) पुं० [सं० प्रसाद] प्राप्त होने पर मिलनेवाली चीज। उदा०—दुहुँ कुल अपजस पहिल पसार।—विद्यापति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारना :
|
स० [सं० प्रसारण, हिं० पसारना का स०] १. अधिक विस्तृत करना। २. फैलाना। जैसे—झोली पसारना। ३. आगे बढ़ाना। जैसे—हाथ पसारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारना :
|
स० [सं० प्रसारण, हिं० पसारना का स०] १. अधिक विस्तृत करना। २. फैलाना। जैसे—झोली पसारना। ३. आगे बढ़ाना। जैसे—हाथ पसारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारा :
|
पुं०=पसार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारा :
|
पुं०=पसार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारी :
|
पुं० [देश०] १. तिन्नी का धान। पसवन। पसही। पुं०=पंसारी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसारी :
|
पुं० [देश०] १. तिन्नी का धान। पसवन। पसही। पुं०=पंसारी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाव :
|
पुं० [हिं० पसाना+आव (प्रत्य०)] १. माँड़ आदि पसाने की क्रिया या भाव। २. पसाने पर निकलनेवाला गाढ़ा तरल पदार्थ। पीच। पुं०=पसाउ (प्रसाद)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसाव :
|
पुं० [हिं० पसाना+आव (प्रत्य०)] १. माँड़ आदि पसाने की क्रिया या भाव। २. पसाने पर निकलनेवाला गाढ़ा तरल पदार्थ। पीच। पुं०=पसाउ (प्रसाद)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसावन :
|
पुं०=पसाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसावन :
|
पुं०=पसाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |